दुर्गा पूजा पर निबंध | Durga Puja Essay in Hindi 2022

दुर्गा पूजा पर निबंध 100 शब्दों में, 300 शब्दों में, 500 शब्दों में | Durga Puja Essay in Hindi, Nibandh

 दोस्तों आज का हमारा विषय है दुर्गा पूजा पर निबंध अर्थात Durga puja essay in hindi। यह त्यौहार हम सभी भारत वासियों के लिए बहुत खास होता है इसलिए इस विषय पर हमें अक्सर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। इसलिए मैंने यह विचार की है कि मैंने आपको इस विषय पर निबंध लिखकर देना है। चलिए शुरू करते हैं ।

दुर्गा पूजा पर निबंध 100 शब्दों में, 300 शब्दों में, 500 शब्दों में  | Durga Puja Essay in Hindi, Nibandh

100 शब्दों में दुर्गा पूजा पर निबंध (Durga Puja Essay in Hindi)

दुर्गा पूजा हम सभी भारत वासियों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है क्योंकि हम सभी दुर्गा मां की उपासना बहुत ही सच्चे दिल से किया करते हैं। दुर्गा मां का आशीर्वाद हम सभी भारत वासियों पर हमेशा रहता है इसलिए दुर्गा पूजा का त्यौहार बहुत खास होता है हम सभी भारतीयों के लिए। यह त्यौहार पूरे भारत में प्रसिद्ध है लेकिन इस त्यौहार को बंगाल में अत्यधिक मनाया जाता है। राम भगवान जब दुर्गा मां से शक्ति प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा की थी तब से यह त्यौहार दुर्गा पूजा के नाम से जाना है जाने लगा और मनाया जाने लगा।

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300 शब्दों में दुर्गा पूजा पर निबंध (Durga Puja Nibandh)

दुर्गा पूजा एक ऐसा त्यौहार है जो हम सभी हिंदू धर्म के लोग बहुत ही हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाते हैं। दुर्गा पूजा का यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष में अत्यधिक प्रचलित एवं प्रसिद्ध है। इस प्यार को हमारे भारतवर्ष के एक राज्य बंगाल देश में अत्यधिक मनाया जाता है क्योंकि वहां के लोग दुर्गा पूजा के त्यौहार को बहुत ही तन मन एवं धन से मनाते हैं। दुर्गा पूजा मनाने का प्रचलन तब से प्रसिद्ध हुआ जब श्री रामचंद्र जी ने मां दुर्गा से शक्ति लेने के लिए उनकी पूजा की थी। तभी से यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम एवं उल्लास के साथ मनाया जाने लगा।

दुर्गा पूजा का त्यौहार सितंबर या अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है यह त्यौहार ग्रहों एवं क्षेत्र के हिसाब से सितंबर एवं अक्टूबर के महीने में पड़ता है। यह त्यौहार झारखंड उड़ीसा एवं बंगाल इन स्थानों पर बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस त्यौहार में सारी महिलाएं एवं पुरुष 9 दिन का उपवास रखते हैं। जब यह 9 दिन का उपवास खत्म हो जाता है तब दसवीं एवं विजयदशमी के दिन भक्त अपनी उपवास को तोड़ते हैं एवं भोजन ग्रहण करते हैं। नौवे दिन में मां की मूर्ति को टैंक एवं नदी तालाब इत्यादि में विसर्जित किया जाता है।

दुर्गा पूजा में 9 दिन नौ देवियों की पूजा की जाती है हर दिन एक देवी की पूजा होती है। बहुत सारे भक्तों दुर्गा पूजा में पहले एवं आखरी दिन उपवास रखते हैं। मां का आशीर्वाद हम सभी भारत वासियों पर हमेशा बना रहता है। धर्म गुरुओं का यह कहना है कि देवताओं पर महिषासुर नामक असुर द्वारा आक्रमण किए जाने पर ब्रह्मा विष्णु एवं महेश यह तीनों देवताओं ने मिलकर एक शक्ति का निर्माण किया जिसे दुर्गा कहा गया।

500 शब्दो में दुर्गा पूजा पर निबंध

हमारे देश में कई तरह के त्यौहार अलग-अलग जाति एवं धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाते हैं उसमें से ही एक है दुर्गा पूजा का त्यौहार। हिंदू धर्म के सभी मनुष्य दुर्गा पूजा का त्यौहार बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। इसमें गाने बजाने एवं कई स्थानों पर गरबा भी खेला जाता है। दुर्गा पूजा के लिए बंगाल झारखंड एवं उड़ीसा जैसे हमारे भारतवर्ष के राज्य में अत्यधिक मनाया जाता है यहां के लोग दुर्गा पूजा को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं।

दुर्गा पूजा में मां का आशीर्वाद सभी भक्तों पर बराबर रहता है। कुछ भक्तों की सेवा करने के लिए 9 दिन का उपवास रखते हैं जिसमें वह सिर्फ फल एवं पानी पीकर रहते हैं। 9 दिन के उपवास के बाद मां की मूर्ति या तस्वीर को नदी तालाब एवं कुंड में बहुत ही आदर के साथ विसर्जित किया जाता है उसके बाद जितने भी भक्त उपवास रखे रहते हैं वह सभी अपना उपवास तोड़ते हैं एवं भोजन ग्रहण करते हैं। कई सारे भक्त 9 दिन का उपवास ना रखकर फिर पहले एवं आखरी दिन पर उपवास रखते हैं।

दुर्गा पूजा का उत्सव बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। धर्म गुरुओं द्वारा ऐसा कहा जाता है कि जब देवताओं पर असुरों द्वारा आक्रमण किया गया था जिसमें एक महिषासुर नामक असुर को परास्त करना मुश्किल हो गया था तब ब्रह्मा विष्णु एवं महेश तीनों ने मिलकर जिस शक्ति को उत्पन्न किया उसे दुर्गा नाम दिया गया। दुर्गा पूजा का आरंभ कब से हुआ जब प्रभु श्री रामचंद्र जी को शक्ति प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की पूजा की थी तभी से दुर्गा पूजा का आरंभ हुआ और आज वर्तमान समय में हम सभी हिंदू धर्म के लोग इस त्यौहार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ हर साल मनाते हैं।

यह त्यौहार अंग्रेजी माह के सितंबर या अक्टूबर के महीने में पड़ता है। हमारे देश में अलग-अलग राज्यों के पहनावे एवं दुर्गा पूजा को मनाने के तरीके अलग होते हैं कई स्थानों पर दुर्गा पूजा को मनाने के लिए वहां के पोशाक पहनकर मनाते हैं। दुर्गा पूजा के 9 दिन के बाद दसवे दिन दसवीं एवं विजयदशमी के नाम से जाना जाता है।

इस दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर को परास्त करके राक्षसों पर विजय प्राप्त की थी। कई स्थानों पर दुर्गा पूजा मनाते समय जगराते एवं मेले लगाए जाते हैं। अलग अलग के लोग दुर्गा पूजा को अलग अलग तरीके से मनाते है। 9 दिन अलग अलग देवी की पूजा की जाती है।

दुर्गा पूजा के 9 दिन ऐसा महसूस होता है कि जैसे पूरा वातावरण एक दम स्वच्छ एवम शुद्ध हो जाता है। मानो जैसे दुर्गा का आशीर्वाद हर भक्त के घर घर पर हो। हिंदू धर्म के सभी मां का आशीर्वाद सभी मनुष्यो के लिए समान होता है चाहे वह जिस भी धर्म का हो लेकिन यह त्यौहार हिंदू धर्म के लोग अत्याधिक मनाते है।

दुर्गा पूजा पर निबंध 2

दुर्गा पूजा एक हिंदू त्योहार है जो देवी दुर्गा और राक्षस महिषासुर पर उनकी जीत का जश्न मनाता है। त्योहार सितंबर या अक्टूबर के महीने में सालाना होता है और भारत में पश्चिम बंगाल, बिहार और असम राज्यों में एक प्रमुख घटना है।

दुर्गा पूजा हिंदुओं के लिए महान उत्सव और भक्ति का समय है। ऐसा माना जाता है कि त्योहार के दौरान, देवी दुर्गा बुराई की दुनिया से छुटकारा पाने और संतुलन बहाल करने के लिए पृथ्वी पर उतरती हैं। दुर्गा को एक शक्तिशाली योद्धा देवी के रूप में चित्रित किया गया है, जो देवताओं द्वारा दिए गए हथियारों से लैस हैं और शेर या बाघ की सवारी करती हैं।

त्योहार को विस्तृत अनुष्ठानों और समारोहों के साथ-साथ देवी दुर्गा की विस्तृत और अलंकृत रूप से सजी मिट्टी की मूर्तियों के निर्माण द्वारा चिह्नित किया जाता है। इन मूर्तियों को “मुर्ति” के रूप में जाना जाता है, जिन्हें “पंडाल” नामक अस्थायी मंदिरों में रखा जाता है, जो पूरे क्षेत्र में स्थापित होते हैं।

दुर्गा पूजा का मुख्य आकर्षण देवी की “पूजा,” या पूजा है। इसमें देवी को फूल, धूप और अन्य प्रसाद चढ़ाना, साथ ही मंत्रों का जाप और भक्ति गीतों का गायन शामिल है।

त्योहार के धार्मिक पहलुओं के अलावा, दुर्गा पूजा सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव का भी समय है। पंडालों को अक्सर रंगीन रोशनी और सजावट से सजाया जाता है, और लोग नाचने, गाने और पारंपरिक खाद्य और पेय का आनंद लेने के लिए इकट्ठा होते हैं।

कुल मिलाकर, दुर्गा पूजा हिंदुओं के लिए आनंद और उत्सव का समय है, और यह क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

निष्कर्ष |conclusion

इस ब्लॉग से निष्कर्ष निकलता है कि दुर्गा पूजा का यह त्यौहार हिंदू धर्मों द्वारा अत्यधिक मनाया जाता है जिसमें मां का आशीर्वाद सभी भक्तों एवं प्राणियों 9 दिन का यह त्यौहार बहुत ही खास होता है हिंदू धर्म के लिए इसलिए इस त्यौहार को बहुत ही हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है।

दोस्तों की हमने आपको इस ब्लॉग में बताया Durga puja essay in hindi । इसी तरह के अन्य विषय पर निबंध पाने के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं।

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